गोष्ठी का प्रारंभ मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं धन्यवाद देता हूँ पंकज राय को जिन्होंने निःशुल्क नर्सरी का वितरण कई वर्षों से करते आ रहे है।
आज समय क्लस्टर कृषि का है।क्लस्टर कृषि से उत्पाद को लेने के लिए व्यापारी स्वयं किसानों के पास आएंगेऔर खर्च कम होगा।उन्होंने कहा कि आज किसान सब्जी की खेती कर रहा है और उसके उत्पाद जो पहले कानपुर और वाराणसी में बिकते थे वे आज विदेशों में जा रहे है।
वाराणसी में व्हेयर हाउस बनाये गए जहाँ कृषक अपने उत्पाद ले जाकर ग्रेडिंग और पैकिंग कर सकेंगे और विदेशों में भेज देंगे।
लखनऊ में भी ऐसा हो रहा है।अब गोरखपुर में भी शुरू करने की योजना है।गोष्ठी में के वी के के वैज्ञानिक जे पी सिंह ने कहा कि आज सरकार प्राकृतिक खेती पर जोर दे रही है।हमारी मिट्टी में लाखों करोड़ों प्रकार के जीवाणु पाए जाते है जो मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते है लेकिन रासायनिक उर्वरकों के बेतहाशा प्रयोग से ये जीवाणु मर रहे है।
अगर प्राकृतिक खेती शुरू हो तो इनकी संख्या बढ़ जाएगी।इसके लिए देशी गाय सबसे महत्वपूर्ण है एक गाय के गोबर मूत्र के प्रयोग से लगभग 30 एकड़ की खेती हो सकती है।गोमूत्र बेसन गुड़ से जीवामृत तैयार किया जा सकता है।
उपजिलाधिकारी आशुतोष कुमार,संयुक्त कृषि निदेशक लखनऊआशुतोष मिश्र, जिला उद्यान अधिकारी शैलेन्द्र दूबे, उपनिदेशक यतीन्द्र सिंह कृषि वैज्ञानिक जे पी सिंह जिलाकृषि अधिकारी उमेश कुमार,जिला सूचना अधिकारी राकेश सिंह,
भाजपा नेता वीरेंद्र राय,भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्यामराज तिवारी ,क्षेत्रीय किसान मंत्री कृष्णानंद राय,टुनटुन सिंह ,देवेंद्र सिंह देवा,विनोद राय गुड्डू,डॉ रामकुमार राय,कृष्णकांत राय,,भांवरकोल मंडल अध्यक्ष शशांक शेखर राय,जिलापंचायत सदस्य अनिल राय मुन्ना, प्रगतिशील किसान दिवाकर राय जितेंद राय आदि मौजूद रहे।