Ghazipur News : साधु का छण और अन्न का कण बडा ही महत्वपूर्ण होता है-फलाहारी बाबा



बाराचवर : गाजीपुर जनपद के बाराचवर में शिव मंदिर के पास स्थित अमृत सरोवर के तट पर आयोजित ग्यारह दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या धाम से पधारे मानस मर्मज्ञ एवं भागवत वेत्ता श्री श्री १००८ महामण्डलेश्वर श्री शिवराम दास जी फलाहारी बाबा ने ज्ञान एवं वैराग्य की कथा मृत से उपस्थित श्रोताओं के अंतर्मन को सिंचित करते हुए कहा की

साधु का छण और अन्न का कण बडा ही महत्वपूर्ण होता है। यदि भोजन सात्विक होगा तो विचार भी सात्विक होता है तथा तामसिक भोजन से राक्षसी विचार आता है। फलाहारी बाबा ने कहा की रावण की सभा से विभीषण और धृतराष्ट्र की सभा से विदुर का निष्कासन ही हस्तिनापुर और लंका के दुर्दशा का कारण बना ।जब तक विभीषण लंका में थे लंका सुरक्षित थी जब तक विदुर जी हस्तिनापुर में थे तब तक हस्तिनापुर सुरक्षित था। सज्जन को छोड़ने में और मूर्ख को छेड़ने में घाटा लगता है। साधु मिलता है तो सत्संग की प्राप्ति होती है श्रीमद् भागवत में नौ प्रकार की भक्ति में पहली भक्ति श्रवण है। मनसा वाचा कर्मणा से कथा सुनी जाए तो कल्याण निश्चित है। सत्संग और कथा मृत्यु से निर्भीक करता है। स्वर्ग का अमृत अमरत्व देता है परंतु कथा रूपी अमृत अभयत्व देता है। सत्संग और कथा भव रूपी रोग के लिए औषधि का काम करता है ।और गुमराह जीवन में सूत्र बनकर प्रकट होता है।ब्यास पूजन रवि कांत शर्मा के द्वारा एवं पूजन का कार्य आचार्य संतोष दीक्षित एवं

युवा संत बालक दास जी के द्वारा कराया गया। कथा में बालक दास एवं रिंकू रसिया के भजनों पर श्रद्धालु भक्त झूम उठे।

कथा में यशवंत सिंह पत्रकार,रमेश सिंह काका, देवेन्द्र कुमार सिंह,मुकेश गिरी,दीपक सिंह,संजय पाण्डेय,दयानन्द कुशवाहा,ओमप्रकाश सिंह,प्रमोद सिंह,कृपाशंकर कमलापुरी,मनीष सिंह,गौतम सिंह समेत भारी संख्या में कथा प्रेमी पुरुष एवं महिलाएं उपस्थित रहीं।

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