Ghazipur News : राममूरत महाविद्यालय बड़सरा में एक ही भवन में चलती है कई मान्यताएं

शिकायतकर्ता ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर की कार्रवाई की मांग-

गाजीपुर। करंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत बड़सरा स्थित राममूरत महाविद्यालय हमेशा अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहता है।

कुछ महीने पहले विद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा और उसके पिता ने सुविधा शुल्क लेने के लिए अपशब्द का प्रयोग करने पर विद्यालय के प्रबंधक पति राजेंद्र यादव उर्फ नथुनी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराया था।

लेकिन अब एक आश्चर्यचकित कर देने वाला मामला सामने आ रहा है जहां दीनापुर निवासी स्वाभिमान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ देवेश सिंह ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किया है कि ग्राम बड़सरा में राजस्व मौजा बड़सरा के खतौनी सं. 00315 व अराजी नं. खसरा संख्या 436 के 0.531 हेक्टेयर में रामूरत महिला महाविद्यालय बड़सरा गाजीपुर का नाम दर्ज है। जिसकी खतौनी भी संलग्न है। जिसमें भवन भी बने इसमें B,A, B,Sc,B.Ed और D,EL,Ed B.T.C की मान्यता प्राप्त कर कक्षाये संचालित होती है।

जिसकी प्रबंधक श्रीमती कीर्तन यादव पत्नी राजेंद्र यादव उर्फ नथुनी इसी बिल्डिंग के महाविद्यालय का बोर्ड हटाकर राममूरत बालिका इंटर कालेज गाजीपुर का बोर्ड लगाकर व झूठा शपथ पत्र देकर मान्यता प्राप्त कर लिये है। 

उक्त महाविद्यालय के लगभग 4500 वर्ग फीट के तीन मंजिला भवन में अनेकों कक्षाये महज कागजों पर ही संचालित की जा रही है।

शिकायत कर्ता ने दिये प्रार्थना पत्र में गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी जिक्र किया कि यही नहीं अप्रैल माह में नया नर्सिंग व फार्मेसी का बोर्ड भी लगा है।

उक्त प्रार्थना पत्र में शिकायत कर्ता ने निवेदन करते हुए राममूरत महिला महाविद्यालय बड़सरा गाजीपुर व राममूरत बालिका इंटर कालेज बड़सरा गाजीपुर दोनो‌ की एक साथ जांच कराकर कार्रवाई करने का मांग किया।

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत किये गये प्रार्थना पत्र में शिकायत कर्ता ने बताया कि प्रबंधक द्वारा महाविद्यालय के बोर्ड को बदलकर राममूरत प्राईवेट आई.टी.आई बड़सरा गाजीपुर उत्तर प्रदेश और राममूरत  नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कालेज डी फार्मा फार्मेसी बड़सरा गाजीपुर  उत्तर प्रदेश नाम की मान्यता के लिए फाईलें लगाये है।

वहीं शिकायतकर्ता ने पांच बिंदुओं पर बिंदूवार जांच कराकर कार्रवाई की मांग किया है।

इस संबंध में शिकायकर्ता डॉ. देवेश सिंह ने बताया कि इस मामले में एक बार फर्जी रिपोर्ट लगाकर लीपापोती किया गया था।

उन्होंने बताया कि एक ही भवन में बोर्ड बदल-बदलकर कई मान्यताएं ले ली गई है।

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